लखनवी अंदाज
प्रश्न. लेखक ने इच्छा होते हुए भी नवाब साहब के खीरा खाने के आग्रह को दोबारा क्यों नकार दिया? जबकि खीरे की फाँकों को देखकर लेखक के मुँह में पानी आ गया था। ‘लखनवी अंदाज’ पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर : लेखक स्वाभिमानी था। नवाब साहब के अकस्मात हुए भाव परिवर्तन से लेखक समझ गया था कि नवाब साहब अपनी शराफत का दिखावा करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। वह नवाब साहब से उससे किए गए खीरा खाने के आग्रह को पहले ही ठुकरा चुका था। अतः अब अनुकूल परिस्थितियाँ और खीरा खाने की इच्छा होते हुए भी लेखक ने आत्म-सम्मान की रक्षा करते खाने से पुनः इंकार कर दिया।