मनुष्य सोचने वाला तिनका है।

प्रत्येक मनुष्य अपने लिए सबकुछ है, क्योंकि उसकी मृत्यु के साथ उसके लिए सब कुछ समाप्त हो जाता है।

मनुष्य को बिना उसकी महानता का बखान करे यह स्पष्ट करना बहुत ही खतरनाक है कि वह पशुओं के कितना समान है।

मनुष्य केवल एक तिनका है, जो प्रकृति की सबसे कमजोर वस्तु है, लेकिन वह सोचने वाला तिनका है।

मनुष्य के सारे दुखों का कारण यह है कि वह अपने कमरे में भी शांतिपूर्वक नहीं रह सकता।

आप हमेशा उसी वस्तु की प्रशंसा करते हैं, जिसे आप वास्तव में नहीं समझ पाते।

• हम सत्य को न केवल तर्क से बल्कि दिल से भी जानते हैं। बुद्धि और भावना दोनों जरूरी हैं।

• तर्क आपको किसी को चुनने में मदद नहीं कर सकता और तर्क किसी को गलत साबित भी नहीं
कर सकता।

सहृदय शब्दों की ज्यादा कीमत नहीं होती, फिर भी वे बहुत कुछ हासिल कर लेते हैं।

ब्लेज पास्कल