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बाल गीत – चींटी

चींटी

चींटी कभी नहीं सोती है,

पल भर समय नहीं खोती है।

कद में यह चाहे छोटी है,

कहते चींटी सी चींटी है।

हिम्मत हाथी से भी बढ़कर,

लड़ती है मस्तक पर चढ़कर।

पर्वत हो या हो तूफ़ान,

करती वह जो लेती ठान।