पर्वत प्रदेश में पावस
पर्वत प्रदेश में पावस – सुमित्रानंदन पंत
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
गिरि का गौरव गाकर झर-झर
मद में नस-नस उत्तेजित कर
मोती की लड़ियों से सुन्दर
झरते हैं झाग भरे निर्झर !
गिरिवर के उर से उठ-उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
हैं झांक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष, अटल, कुछ चिंता पर।
प्रश्न 1. पर्वतों का गौरव गान कौन करता है?
प्रश्न 2. झरते हुए झरनों को क्या कहा गया है?
प्रश्न 3. पर्वत के हृदय से उठकर वृक्ष किसको देख रहे हैं?
प्रश्न 4. गिरिवर के डर से उठकर तरुवर आकाश की ओर क्यों झाँक रहे हैं?