दोहे : रहीम जी



अति लघु प्रश्न


प्रश्न 1. कवि ने किस दृष्टांत द्वारा सिद्ध किया है कि बिगड़ी बात नहीं बन सकती?

उत्तर : कवि कहते हैं कि जिस तरह फटे हुए दूध को मथकर मक्खन नहीं निकाला जा सकता, उसी तरह बिगड़ी हुई बात को लाख प्रयत्न करने पर भी सुधारा नहीं जा सकता। अतः व्यक्ति को सोच-समझकर ही बोलना चाहिए।

प्रश्न 2. लोग दूसरों के कष्ट क्यों नहीं बाँटना चाहते?

उत्तर : इस संसार में हर व्यक्ति के अपने-अपने दुःख हैं। उन्हें वही बड़े लगते हैं। कोई किसी के दुःख का मूल कारण न समझता है और न ही उनके दुःख को दूर करने की सोचता है। जब तक किसी का सुख-दुःख अपना नहीं लगता तब तक कोई उन्हें बाँटने को तैयार नहीं होता।

प्रश्न 3. अवध-नरेश चित्रकूट में कब व क्यों रहे?

उत्तर : अवध नरेश श्रीरामचंद्र सीता व लक्ष्मण के साथ कुछ समय के लिए चित्रकूट में तब रहे थे, जब उन्हें वनवास मिला था। विपत्ति के समय शांति पाने के उद्देश्य से वे यहाँ रहे थे।

प्रश्न 4. लोग दूसरों की व्यथा सुनकर क्या प्रतिक्रिया करते हैं?

उत्तर : सामान्य तौर पर लोग दूसरों की व्यथा सुनकर उनका मजाक उड़ाते हैं। वे उन्हीं को मूर्ख ठहराते हैं।

प्रश्न 5. हमें किसकी साधना करनी चाहिए और क्यों?

उत्तर : हमें एक ही ईश्वर की साधना करनी चाहिए क्योंकि एक को साधने से अन्य सभी देवता स्वयं सध जाते हैं। सबके साधने के चक्कर में कोई नहीं मिलता।

प्रश्न 6. हिरन किस पर रीझकर अपने प्राण दे देता है?

उत्तर : हिरन संगीत के स्वर सुनकर इतना मुग्ध हो जाता है कि शिकारी को अपने प्राण दे देता है। संगीत की मस्ती उसे बेसुध कर देती है और ऐसी अवस्था में शिकारी उसे पकड़ लेता है।


लघु प्रश्न


प्रश्न 1. विपत्ति में हमारा सहायक कौन बनता है?

उत्तर : कवि के अनुसार मुसीबत आने पर अपने ही साधन और संबंध काम आते हैं। उदाहरण के लिए सूखते हुए कमल को केवल जल ही बचा सकता है, सूरज की गर्मी नहीं। कमल जल में से जन्म लेता है, इसलिए वही उसका जीवन-रक्षक होता है। यदि वह सूख जाता है तो फिर सब कुछ नष्ट हो जाता है। उसके खिलने में सहायक सूर्य भी उसके लिए कुछ नहीं कर पाता।

प्रश्न 2. सागर की अपेक्षा पंक-जल को श्रेष्ठ क्यों बताया गया है? इसके माध्यम से कवि ने क्या सीख दी है?

उत्तर : सागर की अपेक्षा पंक-जल को श्रेष्ठ इसलिए बताया गया है क्योंकि कीचड़ का पानी छोटे जीव-जंतुओं की प्यास बुझाने की सामर्थ्य रखता है किंतु सागर का जल खारा होने के कारण व्यर्थ होता है। उसका किसी कार्य में उपयोग नहीं हो सकता। कहने का अभिप्राय है कि वह छोटा व्यक्ति भी धन्य है जो परोपकार करता है, किंतु उस बड़े अर्थात् धनी व्यक्ति का जीवन व्यर्थ है जो समाज की भलाई के लिए कार्य नहीं करता।

प्रश्न 3. जलज क्या है? सूर्य उसकी रक्षा क्यों नहीं कर पाता?

उत्तर : जलज का शाब्दिक अर्थ है-जल में उत्पन्न होनेवाला अर्थात् कमल। कमल का फूल सूर्य की उपस्थिति में जल में उगता है। लेकिन जब कमल के पास जल रूपी संपत्ति नहीं होती, तालाब सूख जाता है तो सूर्य भी उसे सूखने से नहीं बचा सकता। अपितु सूर्य की तेज़ किरणें ही उसे नष्ट कर डालती हैं।

प्रश्न 4. सुई और तलवार का उदाहरण कवि ने किस संदर्भ में दिया है?

उत्तर : सुई और तलवार का उदाहरण देकर कवि ने प्रत्येक छोटी-बड़ी वस्तु और व्यक्ति के महत्त्व का वर्णन किया है। जहाँ सुई काम आती है, वहाँ तलवार बेकार होती है और जहाँ तलवार कार्य करती है वहाँ सुई का कार्य नहीं होता। इसलिए हर वस्तु या व्यक्ति की अपनी अलग उपयोगिता है।

प्रश्न 5. रहीम के अनुसार एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?

उत्तर : जिस प्रकार पेड़ की जड़ को सींचने से पूरा वृक्ष पल्लवित होता है, उसी प्रकार केवल एक ही ईश्वर की भक्ति करने से सब इच्छाएँ और कार्य संपन्न हो जाते हैं। अतः सभी देवताओं की ओर ध्यान लगाना व्यर्थ है। अर्थात् अपने इष्ट की एकनिष्ठ भक्ति करने से उनकी कृपा के कारण सभी कुछ संभव हो जाता है।

प्रश्न 6. लाख कोशिश करने पर भी बिगड़ी बात क्यों नहीं बनती?

उत्तर : लाख कोशिश करने पर भी बिगड़ी बात इसलिए नहीं बन पाती क्योंकि जिस प्रकार फटे दूध से मक्खन नहीं निकाला जा सकता, उसी प्रकार बात को फिर पहले वाली स्थिति में नहीं लाया जा सकता। बात को बिगड़ने से पहले ही सावधानी बरतनी चाहिए।