टोपी शुक्ला – राही मासूम रज़ा
प्रश्न – घर वालों के मना करने पर भी टोपी का लगाव इफ़्फ़न के घर और उसकी दादी से क्यों था ? दोनों के अंजान, अटूट रिश्ते के बारे में मानवीय मूल्यों की दृष्टि से अपने विचार लिखिए।
उत्तर – टोपी के घर वालों ने जब टोपी के व्यवहार में इफ़्फ़न का प्रभाव देखा तो उन्होंने उसे इफ़्फ़न के घर जाने से मना कर दिया था। परंतु टोपी का लगाव इफ़्फ़न की दादी से था।
वह जब भी इफ़्फ़न के घर जाता तो उसकी दादी के पास ही बैठने की कोशिश करता था। इफ़्फ़न की बाजी और अम्मी उसकी बोली पर हँसती तो दादी ही बीच – बचाव करते हुए टोपी की भाषा में उन्हें करता था।
इफ़्फ़न की बाजी और अम्मी उसकी बोली पर हँसती तो दादी ही बीच – बचाव करते हुए टोपी की भाषा में उन्हें डांटती थी।
वह बड़े स्नेह और आत्मीयता से उससे बात करती थी। टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग – अलग जाति और मज़हब के थे, मगर दोनों अटूट रिश्ते से बंधे थे।
प्यार का बंधन किसी धर्म और जाति को नहीं मानता। जब दिल से दिल मिलता है तो जाति और धर्म बेमानी हो जाते हैं ।
दादी ने टोपी के दिल को पहचाना और टोपी ने दादी के प्यार को माना। इस प्रकार दोनों में एक पाक – साफ रिश्ता बना।
इफ़्फ़न की दादी के आँचल में टोपी अपना अकेलापन भूल जाता था। दादी को भी टोपी के साथ अपनेपन का अहसास होता था।