• विद्या सबसे अनमोल धन है; इसके आने मात्र से सिर्फ अपना ही नहीं, पूरे समाज का कल्याण होता है।
• संसार में सफल और सुखी वो लोग हैं जिनके अंदर विनम्रता है, और विनम्रता विद्या से आती है।
• समस्त जीवों में मनुष्य को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है: क्योंकि उसके पास आत्मविवेक और आत्मज्ञान है।
• मनुष्य अगर बड़ा बनना चाहता है तो छोटे से छोटा काम करे क्योंकि स्वावलंबी लोग ही श्रेष्ठ होते हैं।
• मनुष्य कितना भी बड़ा क्यों न बन जाए, उसे अपने अतीत को याद करते रहना चाहिए।
• जो व्यक्ति कभी दूसरों के काम न आए, वास्तव में वह मनुष्य नहीं है।
• अगर सफल और प्रतिष्ठित बनना है, तो झुकना सीखिए। क्योंकि जो झुकते नहीं, समय की हवा उन्हें झुका देती है।
• अपने हित से पहले, समाज और देश का हित देखना सच्चे नागरिक का धर्म है।
• संयम विवेक देता है, ध्यान एकाग्रता प्रदान करता है, संतुष्टि और परोपकार शांति देते हैं।
ईश्वर चंद्र विद्यासागर