जो भी हमारे जीवन में होता है, हमारे कर्मों के फलस्वरूप होता है।
- ‘स्वार्थी’ शब्द एक नकारात्मक शब्द नहीं है। जब आपकी खुद की महत्वाकांक्षाएं, इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं, उस समय किसी से प्यार करना या दूसरे के भविष्य में निवेश करना असंभव लगता है।
- जीवन में ऐसे पल आते हैं, कुछ ऐसी अनुभूतियाँ होती हैं, जिन्हें आप बस एक नजर देखते हैं और आगे बढ़ जाते हैं।
- गुस्सा आए तो चिल्लाने के लिए ताकत नहीं चाहिए, पर चुप रहने के लिए ताकत चाहिए।
- ज्ञान तीन तरह से प्राप्त होता है –
मनन से, जो सबसे श्रेष्ठ होता है।
अनुसरण से, जो सबसे सरल होता है।
अनुभव से, जो सबसे कड़वा होता है।
- सारी दुनिया आपके सामने झुके, ऐसी दुआ कभी नहीं मांगनी चाहिए। लेकिन दुनिया की कोई ताकत आपको झुका न सके, यह दुआ मांगनी चाहिए।
- यह हमेशा याद रखना चाहिए कि हम बहुत खास हैं। हमें मिला हुआ कार्य हमसे अच्छा कोई नहीं कर सकता।
- अगर आप किसी काम को टालते हैं तो क्या गारण्टी है कि आप उस काम को कल खुश होकर कर पाएंगे ? जो काम आज कर सकते हैं, वह करो। कल से करूंगा, यही सोचते रहना ही असफलता का कारण है।
- जो चाहा, वह मिल जाना सफलता है। जो मिला, उसे चाहना प्रसन्नता है।
कोई शौहरत पे नाज़ करता है।
कोई दौलत पे नाज़ करता है।
जिसके लबों पे हो वाहेगुरू का नाम
वो अपनी किस्मत पे नाज़ करता है।
तेरे दरबार से मांगने वाला, कौन कहता है कि गरीब होता है।
ऐ मेरे वाहेगुरू सच्चे पातशाह !!
जो तेरे दर तक पहुंच जाए, वह तो खुशनसीब होता है।
- जो कुछ भी हमारे जीवन में आता है, वो हमारे कर्मों के फलस्वरूप से आता है, फिर चाहे वह कोई व्यक्ति हो या घटना; तो अपने कर्मों के फल के ऊपर गुस्सा मत करिए।