कहानी : अपने हिस्से का संघर्ष करना पड़ता है
100 शब्दों की कहानी : अपने हिस्से का संघर्ष करना पड़ता है
एक आदमी ने तितली का कोकून देखा, उसके छेद से छोटी तितली निकलने की कोशिश कर रही थी, पर नहीं निकल पा रही थी। उसे लगा वह हार गई। उसने कैंची से कोकून का छेद बड़ा कर दिया।
तितली बिना संघर्ष के निकल गई पर शरीर सूज गया, पंख सूख गए। कुछ देर बाद मर गई।
आदमी ने बुजुर्ग को बताया, उसने समझाया, कोकून से निकलने की प्रक्रिया को प्रकृति ने कठिन इसलिए बनाया ताकि तितली के शरीर में मौजूद तरल पंखों तक पहुंचे और वो बाहर निकलते ही उड़ पाए।
जीवन में संघर्ष का भी अपना महत्व है।