कविता : मां
लघु कविता : माँ – ममता की फुलवारी
माँ तूं मन की किलकारी,
माँ ममता पे तुम हो वारी।
सब पर छिड़के जान,
माँ तुम बहुत महान।
दुनिया का रंग दिखाया,
कैसे जीएं बतलाया।
दिया जग का ज्ञान,
माँ तू बहुत महान।
मैं तेरी छाया का टुकड़ा,
मुझको तेरा भाता मुखड़ा।
दिया है जीवनदान,
माँ तू बहुत महान।
कैसे तेरा एहसान चुकाऊँ,
मैं तो अपना धर्म निभाऊं।
तुझ पर संतान कुर्बान,
माँ तू बहुत महान।