कविता का सार : नीति के दोहे
नीति के दोहे भक्तिकाल की कविताओं के दोहों का संकलन है। यह विशिष्ट रूप से कवि कबीर जी, रहीम जी और वृंद जी की कविताओं का संकलन है।
इस में कबीर जी अच्छे कर्म करने, शब्द संयम और अच्छे आचरण की सीख देते हैं। रहीम जी परोपकार, उत्तम प्रकृति तथा सच्चे मित्र बनाने की प्रेरणा देते हैं। वृंद जी नीति की शिक्षा देते हुए मूल कर्म को समझाकर परिश्रम कर विद्या प्राप्त करने को कह रहे हैं। कवि वृंद कहते हैं कि संसार में निर्बल का कोई सहायक नहीं।
इस प्रकार नीति के दोहों का संकलन जीवन को सार्थक व मंगलमय करता है।