CBSE 12 Sample paperClass 12(xii) Hindi

कक्षा 12वीं प्रश्न-उत्तर


प्रश्न. बाज़ार किसी का लिंग, जाति, धर्म, क्षेत्र नहीं देखता, बस देखता है सिर्फ़ उसकी क्रय शक्ति को, और इस रूप में वह एक प्रकार से सामाजिक समता की भी रचना कर रहा है। आप इस कथन से कहाँ तक सहमत हैं? स्पष्ट करके लिखिए।

उत्तर : हम इस कथन से पूर्णत: सहमत हैं क्योंकि बाज़ार किसी का लिंग, जाति, धर्म और क्षेत्र नहीं देखता। सिर्फ ग्राहक की क्रय-शक्ति देखता है।

उसे इस बात से कोई मतलब नहीं कि खरीदार औरत है या मर्द, हिंदू है या मुसलमान, उसकी जाति क्या है या वह किस क्षेत्र विशेष से है।

यहाँ हर व्यक्ति ग्राहक है।

आज जबकि जीवन के हर क्षेत्र में भेदभाव है ऐसे में बाज़ार हर एक को समान मानता है।

बाज़ार का काम है वस्तुओं का विक्रय, उसे तो ग्राहक चाहिए फिर चाहे वह कोई भी हो। इस प्रकार यह सामाजिक समता की भी रचना कर रहा है।