आपकी प्राथमिकताएं आपके सुधार की ओर पहला कदम हैं।


  • एक हजार मील की सफ़ल यात्रा की शुरुआत भी एक कदम से ही होती है।
  • सफ़ल होने के लिए यह यकीन जरूरी है कि जो आप कर रहे हैं, वो अलग है।
  • कई बार परिवार के कारण काम पर असर होगा, कई बार काम के कारण परिवार पर असर दिखेगा। जो भी आपकी प्राथमिकता पर उस वक्त होगा, वहां सुधार आप देखेंगे।
  • जीवन में कई बाधाएं आएंगी, लेकिन नजर लक्ष्य पर रहेगी तो समाधान मिलते जाएंगे।
  • इससे फर्क नहीं पड़ता कि आपकी उम्र या हालात कैसे हैं, सपनों में हमेशा जान फूंकी जा सकती है, क्योंकि सपने मोटर गाड़ी की तरह एक्सपायर नहीं होते।
  • याद रखें हमारे अंदर असीमित और अनछुई संभावनाएं होती हैं और खूबसूरती बाहर आने का इंतजार करती है।
  • अपने सपनों को फिर से जिंदा करें, चाहें सपने कुछ भी हों और आपकी उम्र जो भी हो, नहीं तो सपने और आपकी उम्र दोनों मुरझा जाएंगे।
  • परिस्थितियां सदा पक्ष में नहीं रहतीं। जिंदगी नर्म-गर्म चलती रहती है।
  • कुछ करने का विकल्प हमेशा आपके पास रहता है। परिर्वतन और दिक्कतें तो आएंगी ही, लेकिन उनके सामने लचीला रवैया, हल ढूंढने वाली सोच और उबरकर बाहर आ जाने वाला हौंसला रखेंगे, तो हालात की मुश्किल रोड़ा नहीं बनेगी।