एक हजार मील की सफ़ल यात्रा की शुरुआत भी एक कदम से ही होती है।
सफ़ल होने के लिए यह यकीन जरूरी है कि जो आप कर रहे हैं, वो अलग है।
कई बार परिवार के कारण काम पर असर होगा, कई बार काम के कारण परिवार पर असर दिखेगा। जो भी आपकी प्राथमिकता पर उस वक्त होगा, वहां सुधार आप देखेंगे।
जीवन में कई बाधाएं आएंगी, लेकिन नजर लक्ष्य पर रहेगी तो समाधान मिलते जाएंगे।
इससे फर्क नहीं पड़ता कि आपकी उम्र या हालात कैसे हैं, सपनों में हमेशा जान फूंकी जा सकती है, क्योंकि सपने मोटर गाड़ी की तरह एक्सपायर नहीं होते।
याद रखें हमारे अंदर असीमित और अनछुई संभावनाएं होती हैं और खूबसूरती बाहर आने का इंतजार करती है।
अपने सपनों को फिर से जिंदा करें, चाहें सपने कुछ भी हों और आपकी उम्र जो भी हो, नहीं तो सपने और आपकी उम्र दोनों मुरझा जाएंगे।
परिस्थितियां सदा पक्ष में नहीं रहतीं। जिंदगी नर्म-गर्म चलती रहती है।
कुछ करने का विकल्प हमेशा आपके पास रहता है। परिर्वतन और दिक्कतें तो आएंगी ही, लेकिन उनके सामने लचीला रवैया, हल ढूंढने वाली सोच और उबरकर बाहर आ जाने वाला हौंसला रखेंगे, तो हालात की मुश्किल रोड़ा नहीं बनेगी।