गुरुहरि महंत स्वामी महाराज एक सुंदर बात कहते हैं – समूचा ब्रह्मांड मुझे न बुलाए, मेरा अपमान करे अथवा मेरा, बहिष्कार ही क्यों न करे, मुझे परवाह नहीं।
ज्ञानवत्सल
वजह मन की अंतरिम गहराइयों तक स्पष्ट एहसास है कि मुझे जी मिला है वह अन्य के मुकाबले अधिक है।
हमारे पास जो है उस पर ध्यान केंद्रित करें तो जीवन- पथ के अभाव का रंज सता ही नहीं सकता।