आज का सुविचार


जो स्वतंत्र है वह आक्रामक नहीं होता, वह किसी को जीतने की लालसा नहीं रखता, वह इतना तृप्त हो जाता है कि उसे दिखाने की आकांक्षा भी नहीं रहती कि मैं स्वतंत्र हूँ।

फूल कब घोषणा करता है कि मैं खिल गया! जिसने स्व का तंत्र, स्व का छंद पा लिया, उसे दूसरे को काबू करने का ख्याल भी नहीं उठता