कार-दुर्घटना में मित्र के पिता जी की मृत्यु हो जाने पर मित्र को संवेदना पत्र।
परीक्षा भवन
नई दिल्ली-110064
दिनांक : 04 अप्रैल 2008
प्रिय मित्र
चरण स्पर्श!
तुम्हारे पूज्य पिता जी की कार दुर्घटना में हुई मृत्यु का दुखद समाचार सुनकर बहुत दुख हुआ। पिछले महीने ही उनसे मुलाकात हुई थी। वे पूर्णतया स्वस्थ थे, मैं उनसे काफी देर तक बातचीत करता रहा किंतु होनी को कौन टाल सकता है? सबको एक दिन जाना है। हालाँकि ऐसी अवस्था में धैर्य धारण करना कठिन कार्य है। तुम्हारे लिए तो और विपरीत परिस्थिति है। परिवार का सारा भार तुम्हारे ऊपर आ गया है। माता जी का विशेष ध्यान रखना। उनका सहारा अब तुम्हीं हो। भगवान तुम्हें इस दुख को सहने की शक्ति दे।
भगवान से प्रार्थना है कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।
आपका मित्र
क• ख• ग•