CBSEclass 7 Hindi (हिंदी)EducationHindi GrammarNCERT class 10thParagraphPunjab School Education Board(PSEB)अनुच्छेद लेखन (Anuchhed Lekhan)

अनुच्छेद लेखन : मित्रता


मित्रता


मित्रता अनमोल धन है। इसकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती है। हीरे-मोती या सोने-चाँदी से भी नहीं। मैत्री की महिमा बहुत बड़ी है। सच्चा मित्र सुख और दुख में समान भाव से मैत्री निभाता है। जो केवल सुख में साथ होता है, उसे सच्चा मित्र नहीं कहा जा सकता। साथ-साथ खाना-पीना, सैर, पिकनिक का आनंद लेना सच्ची मित्रता का लक्षण नहीं। सच्चा मित्र तो दीर्घ काल के अनुभव से ही बनता है। सच्ची मित्रता की बस एक पहचान है और वह है-विचारों की एकता। विचारों की एकता ही इसे दिनोंदिन प्रगाढ़ करती है। सच्चा मित्र बड़ा महत्त्वपूर्ण होता है। जहाँ थाह न लगे, वही बाँह बढ़ाकर उबार लेता है। मित्रता करना तो आसान है, लेकिन निभाना बहुत ही मुश्किल। आज मित्रता का दुरुपयोग होने लगा है। लोग अपने सीमित स्वार्थों की पूर्ति के लिए मित्रता का ढोंग रचते हैं। मित्र जो केवल काम निकालना जानते हैं, जो केवल सुख के साथी हैं और जो वक्त पड़ने पर बहाना बनाकर किनारे हो जाते हैं, वे मित्रता को कलंकित करते हैं। मित्रता जीवन का सर्वश्रेष्ठ अनुभव है। यह एक ऐसा मोती है, जिसे गहरे सागर में डूबकर ही पाया जा सकता है। मित्रता कीमत केवल मित्रता ही है। सच्ची मित्रता जीवन का वरदान है। यह आसानी से नहीं मिलती। एक सच्चा मित्र मिलना सौभाग्य की बात होती है। सच्चा मित्र मनुष्य की सोई किस्मत को जगा सकता है और भटके को सही राह दिखा सकता है।