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अनुच्छेद लेखन : प्लास्टिक की दुनिया


प्लास्टिक की दुनिया

विज्ञान ने जहाँ एक ओर मानव को अनेक सुख-सुविधाएँ प्रदान की हैं, वहीं दूसरी ओर इन सुविधाओं ने अनेक भयंकर समस्याएँ भी खड़ी की हैं। मनुष्य द्वारा निर्मित तमाम वस्तुओं में से प्लास्टिक भी एक ऐसी ही वस्तु है। आजकल पर्यावरण पूरे विश्व के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। प्लास्टिक के आविष्कार ने दुनिया को रंग-बिरंगा तो बना दिया, साथ ही अनेक परेशानियों को भी जन्म दे दिया। आज तरल पदार्थ से लेकर भारी-भरकम सामानों की पैकिंग प्लास्टिक से बने थैले-थैलियों में होने लगी है क्योंकि यह सुविधाजनक साधन है। आज चारों ओर सड़क, बाग़ बगीचे, स्कूल-कॉलेज के मैदान सभी जगह प्लास्टिक के लिफ़ाफ़े उड़ते देखे जा सकते हैं। छोटे-बड़े सभी इन खाली पैकेटों को इधर-उधर फेंक देते हैं। आज भ्रमणकारियों के कारण पहाड़ भी इनसे अछूते नहीं रहे हैं। प्लास्टिक के ये लिफ़ाफ़े अनेक रोगों का कारण तो बन ही रहे हैं, ये सीवरों को भी जाम कर दे रहे हैं। कूड़ों में पड़े इन लिफ़ाफ़ों को खाकर पशु बीमार हो जाते हैं। सड़कों पर पड़े इन लिफ़ाफ़ों को अन्य कूड़े के साथ जलाया जाता है तो इसका धुआँ साँस संबंधी रोग का कारण बनता है। इन्हें मलबे के साथ भराव के काम में लाना भी खतरनाक है, क्योंकि प्लास्टिक ज़मीन में गलती नहीं है। इस समस्या को समाप्त करने के लिए समाज को ही सचेत होना होगा और प्लास्टिक की थैलियों के निर्माण पर रोक लगानी होगी।

अभी हाल ही में भारत सरकार ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उत्पादन एवम् प्रयोग पर पूर्ण रूप से रोक लगाई है और इसका पालन भी होने लगा है।
परंतु इस प्रदूषण से छुटकारा पाना आसान नहीं होगा।