CBSEclass 7 Hindi (हिंदी)EducationHindi GrammarNCERT class 10thPunjab School Education Board(PSEB)अनुच्छेद लेखन (Anuchhed Lekhan)

अनुच्छेद लेखन : जन्माष्टमी


जन्माष्टमी


जन्माष्टमी का पावन पर्व योगीराज श्रीकृष्ण के जन्म के अवसर पर एक्स 1 देशी महीने की भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्री कृष्ण मथुरा राज्य के सामंत वासुदेव-देवकी की आठवीं संतान थे। एक आकाशवाणी सुनकर कि वासुदेव-देवकी के गर्भ से जन्म लेने वाला बालक ही अत्याचारी और नृशंस राजकुमार कंस की मृत्यु का कारण बनेगा, भयभीत कंस ने उन्हें काल-कोठरी में बंद कर दिया। वहाँ जन्म लेने वाली देवकी की सात संतानों को तो कंस ने मार दिया, लेकिन आठवीं संतान को अपने शुभचिंतकों की सहायता से वासुदेव ने अपने परम मित्र नंद के पास पहुँचा दिया। वहीं नंद, यशोदा की गोद में पला-बढ़ा और बाद में मथुरा पहुँच कर कंस का वध करके अपने माता-पिता और नाना उग्रसेन को कारागार से मुक्त करवाया। सो जन्माष्टमी का पावन पर्व इन्हीं की पवित्र स्मृति में, इनके किए कार्यों, प्रतिष्ठापित आदर्शों आदि के प्रति भक्ति भाव समर्पित करने के लिए प्रायः सारे भारतवर्ष के हिंदू-समाज में मनाया जाता है। धार्मिक-आध्यात्मिक प्रवृत्ति के लोग अपने उद्धार और योगीराज श्रीकृष्ण की लीलाओं का शाश्वत अंग बने रहने के लिए सखा या सखी भाव से इनकी पूजा उपासना किया करते हैं। इसके लिए वे राधा-कृष्ण की मूर्तियों का श्रृंगार कर, उन्हें छप्पन प्रकार के भोग लगाकर उनके सामने भजन-कीर्तन, नृत्य-गायन किया करते हैं। सांस्कृतिक दृष्टि से श्रीकृष्ण ने अपने श्रीमुख से जिस गीता का प्रवचन दिया था, उसका पाठ किया करते हैं। धार्मिक प्रवृत्ति और भक्ति-भाव से भरे लोग इस दिन व्रत किया करते हैं। सारे दिन पूजा-पाठ कर अर्द्धरात्रि के बाद लगभग रात बारह बजे के आस-पास जब बालकृष्ण का जन्म हुआ था, फलाहार खाकर अपना उपवास तोड़ते हैं और लोगों में प्रसाद बाँटते हैं।