अनुच्छेद लेखन : तुलसी असमय के सखा धीरज, धर्म, विवेक

मनुष्य के जीवन में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। सुख-दुख, आशा-निराशा, रोग-शोक, हँसी और आँसू आदि मानव-जीवन के

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