कविता का सार : प्रणति
कवि : रामधारी सिंह दिनकर प्रस्तुत कविता ‘ प्रणति ‘ कवि ‘ रामधारी सिंह दिनकर’ द्वारा रचित है। इस कविता
Read moreकवि : रामधारी सिंह दिनकर प्रस्तुत कविता ‘ प्रणति ‘ कवि ‘ रामधारी सिंह दिनकर’ द्वारा रचित है। इस कविता
Read moreकलम, आज उनकी जय बोल!जला अस्थियां बारी – बारी,छिटकाई जिसने चिंगारी।जो चढ़ गए पुण्य वेदी पर,लिए बिना गर्दन का मोल,कलम,
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