धन ही परमधन नहीं है।

शास्त्र हमें चार पुरुषार्थों (मानव-साधना के उद्देश्य) – काम (भौतिक संपत्ति), अर्थ (धन), धर्म (भलाई) और मोक्ष (मुक्ति) के बारे

Read more