अपठित गद्यांश : उस दिन जब…………. तुम चले जाओगे

तुम कब जाओगे, अतिथि: शरद जोशी निम्नलिखित गद्यांश और इस पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर उत्तर दीजिए- 

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अपठित गद्यांश : दुःख का अधिकार (बुढ़िया खरबूजे बेचने)

बुढ़िया खरबूजे बेचने का साहस करके आई थी, परंतु सिर पर चादर लपेटे, सिर को घुटनों पर टिकाए हुए फफक-फफककर

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