अपठित गद्यांश : अपने खर्राटों से……….. तुम लौट जाओ।

तुम कब जाओगे, अतिथि : शरद जोशी अपने खर्राटों से एक और रात गुंजायमान करने के बाद कल जो किरण

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अपठित गद्यांश : तुम्हें यहां अच्छा…………. बोला जा सकता है।

तुम कब जाओगे, अतिथि : शरद जोशी तुम्हें यहाँ अच्छा लग रहा है न। मैं जानता हूँ। दूसरों के यहाँ

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अपठित गद्यांश : तीसरे दिन की………… राक्षस भी हो सकता है।

अतिथि तुम कब, जाओगे : शरद जोशी तीसरे दिन की सुबह तुमने मुझसे कहा, “मैं धोबी को कपड़े देना चाहता

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अपठित गद्यांश : दूसरे दिन………… ऐसा नहीं किया।

अतिथि तुम कब, जाओगे : शरद जोशी दूसरे दिन किसी रेल से एक शानदार मेहमाननवाजी की छाप अपने हृदय में

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अपठित गद्यांश : एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा (जैसे ही मैं उठी)

निम्नलिखित गद्यांश और इस पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर उत्तर दीजिए –   जैसे मैं उठी, मैंने अपने

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अपठित गद्यांश : एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा (अंगदोरजी बिना ऑक्सीजन)

निम्नलिखित गद्यांश और इस पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर उत्तर दीजिए –  अंगदोरजी बिना ऑक्सीजन के ही

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अपठित गद्यांश : एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा (हिमपात अपने आप में)

निम्नलिखित गद्यांश और इस पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर उत्तर दीजिए – हिमपात अपने आप में एक

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अपठित गद्यांश : दुःख का अधिकार (जिंदा आदमी)

जिंदा आदमी नंगा भी रह सकता है, परंतु मुर्दे को नंगा कैसे विदा किया जाए? उसके लिए तो बजाज की

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अपठित गद्यांश : दुःख का अधिकार (परचून की दुकान)

दुःख का अधिकार : यशपाल निम्नलिखित गद्यांश और उन पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़िए :  परचून की दुकान

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अपठित गद्यांश : कविता का उद्देश्य

कविता का उद्देश्य हमारे हृदय पर प्रभाव डालना होता है, जिसमें उसके भीतर प्रेम, आनंद, हास्य, करुणा, आश्चर्य इत्यादि अनेक

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