अनुच्छेद लेखन : आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता सफलता की कुंजी है। कोई भी देश, राज्य, समाज, परिवार या व्यक्ति अपना विकास तभी कर सकता है जब
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Read Moreमित्र होने के भाव को ‘मित्रता’ कहते हैं। मित्रता मित्र का धर्म है। मित्रता के अभाव में जीवन सूना और
Read Moreवर्तमान युग विज्ञान के युग के नाम से जाना जाता है। आज किसी देश की प्रगति का मूल्यांकन उस देश
Read Moreअनुच्छेद-लेखन की परिभाषा अनुच्छेद-लेखन एक कला है। किसी विषय से संबंधित सभी महत्त्वपूर्ण बातों का संक्षिप्त वर्णन करते हुए लिखने
Read Moreसमाचार-पत्र शिक्षा एवं ज्ञान के क्षेत्र में क्रांति का माध्यम है। यह शिक्षा एवं साक्षरता के विकास में सहायक सिद्ध
Read Moreमनुष्य ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है। परंतु आज वही मनुष्य ईश्वर की बनाई रचना में हस्तक्षेप कर रहा है। वह
Read Moreब्रह्मा से कुछ लिखा भाग्य में मनुष्य नहीं लाया, उसने अपना सुख अपने ही भुजबल से पाया। भाग्य और कर्म
Read Moreसमाज में रहते हुए मुनष्य एक-दूसरे के संपर्क में आए बिना नहीं रह सकता। सभी व्यक्तियों का आचरण, व्यवहार एवं
Read More“पुरुष हो, पुरुषार्थ करो, उठो, सफलता वर-तुल्य वरो, उठो अपुरुषार्थ भयंकर पाप है न उसमें यश है, न प्रताप है।”
Read Moreव्यायाम अर्थात कसरत। एक कहावत के अनुसार स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन तथा आत्मा का निवास हुआ करता है।
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