बाल गीत – पेड़
पेड़ मुझको पत्थर से मत मारो, जल से सींचो और दुलारो। फ़ल तो वैसे ही देता हूं, अपने लिए कहां
Read Moreपेड़ मुझको पत्थर से मत मारो, जल से सींचो और दुलारो। फ़ल तो वैसे ही देता हूं, अपने लिए कहां
Read Moreबुलबुल और जुगनू नन्हीं बुलबुल फुदक – फुदक कर, उड़ती चुगती रही शाम तक। रजनी ने जब पर्दा डाला, कहीं
Read Moreधरती का लाल बड़े सवेरे प्रातः काल, उठ जाता धरती का लाल। अपने खेतों पर जाता, कंधे पर लिए कुदाल।
Read Moreदीप मैं नन्हा सा दीप मगर, मुझसे है उजियारा घर। जल कर मैं जीवन देता हूं, औरों की खातिर जीता
Read Moreपिंजरे का पंछी कितना विवश और लाचार, पिंजरे का यह बंदी तोता। नील गगन में उड़ता फिरता, अगर कहीं बागों
Read Moreपौधा मैं पौधा हूं, नव उपवन का, कोमल तन का कोमल मन का। मुझसे है मधुमास बहार, मुझसे है सावन
Read Moreफुलवारी फुलवारी में फूल कई हैं, कोमल कलियां नई – नई हैं। खुशबू सबकी अलग-अलग है, रंग रूप भी अलग-अलग
Read Moreचींटी चींटी कभी नहीं सोती है, पल भर समय नहीं खोती है। कद में यह चाहे छोटी है, कहते चींटी
Read Moreघड़ी घड़ी सभी को समय बताती, रात सुलाती सुबह जगाती। ठीक समय पर खेलो कूदो, गलती से मत आंखें मूंदो।
Read Moreतितली चमक – दमक कर हौले – हौले, नई नवेली अनजानी, फूलों की गलियों में आई, तितली फूलों की रानी।
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