बाल गीत – पौधा
पौधा मैं पौधा हूं, नव उपवन का, कोमल तन का कोमल मन का। मुझसे है मधुमास बहार, मुझसे है सावन
Read Moreपौधा मैं पौधा हूं, नव उपवन का, कोमल तन का कोमल मन का। मुझसे है मधुमास बहार, मुझसे है सावन
Read Moreफुलवारी फुलवारी में फूल कई हैं, कोमल कलियां नई – नई हैं। खुशबू सबकी अलग-अलग है, रंग रूप भी अलग-अलग
Read Moreचींटी चींटी कभी नहीं सोती है, पल भर समय नहीं खोती है। कद में यह चाहे छोटी है, कहते चींटी
Read Moreघड़ी घड़ी सभी को समय बताती, रात सुलाती सुबह जगाती। ठीक समय पर खेलो कूदो, गलती से मत आंखें मूंदो।
Read Moreतितली चमक – दमक कर हौले – हौले, नई नवेली अनजानी, फूलों की गलियों में आई, तितली फूलों की रानी।
Read Moreमेरा घर यह मेरा मिट्टी का घर, नल के नीचे धरती पर। घास – फूस से इसे सजाया, दादा जी
Read Moreचन्दा मामा लाखों नन्हें तारों में, चमकूँ मैं भी कुछ ऐसे। नीले नभ में रातों को, चमक रहे हो तुम
Read Moreबादल नभ में उमड़ रहे हैं बादल, काले बादल भूरे बादल। सरिता, ताल, सरोवर, सागर, सूख भाप बन जाती ऊपर।
Read Moreकन्हैया पापा जब दफ्तर से आए, डिब्बा एक मिठाई लाए। अम्मा मक्खन खूब खिलाएं, भर – भर प्याला दूध पिलाएं।
Read Moreतारे नीले नभ के झिलमिल तारे, लगते कितने प्यारे-प्यारे। सुनता हूं है पास तुम्हारे, बालक ध्रुव जो पूज्य हमारे। सब
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