अनुच्छेद लेखन : संतोष धन
संतोष धन जीवन में जो-जैसा मिले उसी से प्रसन्न रहने का भाव संतोष है। यह जीवन का दैवीय गुण है,
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Read Moreभारत में आतंकवाद भारत भूमि अहिंसा की पुजारी है। शांति से जीवन-यापन करना ही यहाँ के लोगों का लक्ष्य रहा
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