ਅਣਡਿੱਠਾ ਪੈਰਾ : ਕਸਰਤ
ਜਿਸ ਸਰੀਰ ਨੇ ਕਦੇ ਖੇਚਲ, ਮਿਹਨਤ ਤੇ ਕਸ਼ਟ ਦਾ ਮੂੰਹ ਨਹੀਂ ਵੇਖਿਆ, ਉਸ ਵਿਚ ਬਰਕਤ ਤੇ ਰੌਣਕ ਕਿਵੇਂ ਹੋ ਸਕਦੀ
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Read Moreਜੰਗਲ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਵਿਰਲਾ ਹੋਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਿਆ। ਪਹਾੜੀ ਦੇ ਇਕ ਮੋੜ ਤੇ ਖਲੋ ਕੇ ਮੈਂ ਸਾਹਮਣੇ ਫੈਲਿਆ ਦ੍ਰਿਸ਼ ਵੇਖਿਆ। ਮਟਨ-ਪਹਿਲਗਾਮ
Read Moreतुम कब जाओगे, अतिथि : शरद जोशी अपने खर्राटों से एक और रात गुंजायमान करने के बाद कल जो किरण
Read Moreतुम कब जाओगे, अतिथि : शरद जोशी तुम्हें यहाँ अच्छा लग रहा है न। मैं जानता हूँ। दूसरों के यहाँ
Read Moreअतिथि तुम कब, जाओगे : शरद जोशी तीसरे दिन की सुबह तुमने मुझसे कहा, “मैं धोबी को कपड़े देना चाहता
Read Moreतुम कब जाओगे, अतिथि: शरद जोशी निम्नलिखित गद्यांश और इस पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर उत्तर दीजिए-
Read Moreतुम कब जाओगे अतिथि : अपठित गद्यांश निम्नलिखित गद्यांश और इस पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर उत्तर
Read Moreएवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा : बचेंद्री पाल निम्नलिखित गद्यांश और इस पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर उत्तर
Read Moreजिंदा आदमी नंगा भी रह सकता है, परंतु मुर्दे को नंगा कैसे विदा किया जाए? उसके लिए तो बजाज की
Read Moreदुःख का अधिकार : यशपाल निम्नलिखित गद्यांश और उन पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़िए : मनुष्यों की पोशाकें
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