पद्यांश / काव्याँश
जलाओ दिये (दिए) पर रहे ध्यान इतना : गोपालदास ‘नीरज’ निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
Read Moreजलाओ दिये (दिए) पर रहे ध्यान इतना : गोपालदास ‘नीरज’ निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
Read Moreनिम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए : किसी ज़माने में न्यूटन नाम के किसी खुराफ़ाती ने पृथ्वी
Read Moreनिम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नां के उत्तर दीजिए : संकटों से वीर घबराते नहीं, आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।
Read Moreदिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : कई लोगों को जरूरत न होने पर
Read Moreनिम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए : विघ्नों का दल चढ़ आए तो, उन्हें देख भयभीत न
Read Moreदिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : वह ईंट, जिसने अपने को सात हाथ
Read Moreनिम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए : बसो मेरे नैनन में नंदलाल। मोहन मूरति साँवरि सूरति नैना
Read Moreनिम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए : यहाँ भारत में हम सरकार चुनने के लिए मतदान करते
Read Moreदिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए – मातृभाषा विचारों के आदान-प्रदान का सर्वोत्तम साधन
Read Moreनिम्नांकित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए – तोमचा ने एक बड़ा-सा पत्थर उठाया और पूरे वेग से
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