कवितावली – सार
कवितावली – गोस्वामी तुलसीदास जी सारांश इसमें तुलसीदास जी ने तत्कालीन समाज की सामाजिक, आर्थिक विसंगतियों का वर्णन किया है।
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Read Moreरूबाइयां – फिराक गोरखपुरी (कवि) सारांश रूबाइयां में कवि ने वात्सल्यपूर्ण चित्र प्रस्तुत किया है जिसमें माँ आंगन में खड़ी
Read Moreप्रश्न. फ़ीचर क्या है? फ़ीचर को परिभाषित करते हुए अच्छे फ़ीचर की किन्हीं तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। उत्तर :
Read Moreप्रश्न. बीट रिपोर्टिंग और विशेषीकृत रिपोर्टिंग के अंतर को स्पष्ट कीजिए। उत्तर : (i) बीट रिपोर्टर को संवाददाता और विशेषीकृत
Read Moreप्रश्न. समाचार लेखन की एक विशेष शैली होती है। इस शैली का नाम बताते हुए समाचार लेखन की इस शैली
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Read Moreपतंग – आलोक धन्वा सारांश तेज बौछारों वाले धुंधला भादों के जाने के बाद चमकीला, साफ, स्वच्छ शरद आते ही
Read Moreबात सीधी सी थी पर – कुंवर नारायण सारांश कवि के अनुसार बात सीधी पर अपनी विद्वता दिखाने ने कविता
Read Moreदिन जल्दी-जल्दी ढलता है – हरिवंश राय बच्चन सारांश कवि कहता है कि मन उत्कृष्ट इच्छाओं से भरा है, लेकिन
Read Moreबगुलों के पंख – उमाशंकर जोशी सारांश कवि काले बादलों से भरे आकाश में पंक्ति बनाकर उड़ते सफेद बगुलों को
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