कविता : मैं सब कुछ बदलना चाहता हूं
मैं सब कुछ बदलना चाहता हूं मैं सब कुछ बदलना चाहता हूँ नया भारत बनाना चाहता हूँ मैं सबके लिए
Read Moreमैं सब कुछ बदलना चाहता हूं मैं सब कुछ बदलना चाहता हूँ नया भारत बनाना चाहता हूँ मैं सबके लिए
Read Moreकोमल हाथों में थमाओ कलम हाथ में उनको कलम उठाना अच्छा लगता है, उनको भी सुबह – सुबह स्कूल जाना
Read Moreसब धर्म हों समान, हो सबका सम्मान रोज तो कई जुबानों से सुना है, कि मेरा भारत महान है। आज
Read Moreअब युद्ध की चिंगारी फिर नहीं जलेगी युद्धविहीन विश्व का सपना भंग न होने देंगे।सपने में भी जंग न होने
Read Moreभारत की खातिर जीना है। भारत की खातिर मरना है अब बस यही करना है। खून बहाकर अपना हमें, भारत
Read Moreऋषि-मुनियों, साधु-संतों को नमन, उन्हें मेरा अभिनन्दन। जिनके तप से तपी हुई है, भारत की स्वर्णिम माटी। जिनके श्रम से
Read Moreकवि : श्री अटल बिहारी वाजपेई जी प्रस्तुत कविता ‘ हरी – हरी दूब पर’ कवि ‘ श्री अटल बिहारी
Read Moreਮੇਰਾ ਸੁਪਨਾ ਸਾਕਾਰ ਹੋਵੇ ਸੁਪਨਾ ਵੇਖਿਆ ਮੈਂ ਇੱਕ ਬੜਾ ਪਿਆਰਾ, ਚਾਹੁੰਦੀ ਹਾਂ ਹੋਵੇ ਮੇਰਾ ਦੇਸ਼ ਸਭ ਤੋਂ ਨਿਆਰਾ। ਆਪਣੇ ਮੇਰੇ
Read Moreकविता : जग से न्यारा, देश हमारा जय-जय प्यारा, जग से न्यारा शोभित सारा, देश हमारा जगत-मुकुट, जगदीश दुलारा जग
Read Moreकविता : आज जरुरत है भारत को आज जरुरत है भारत को , कर्मठ वीर जवानों की। आज जरुरत है
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