अनुच्छेद लेखन : परिश्रम का महत्व
ब्रह्मा से कुछ लिखा भाग्य में मनुष्य नहीं लाया, उसने अपना सुख अपने ही भुजबल से पाया। भाग्य और कर्म
Read moreब्रह्मा से कुछ लिखा भाग्य में मनुष्य नहीं लाया, उसने अपना सुख अपने ही भुजबल से पाया। भाग्य और कर्म
Read moreसमाज में रहते हुए मुनष्य एक-दूसरे के संपर्क में आए बिना नहीं रह सकता। सभी व्यक्तियों का आचरण, व्यवहार एवं
Read more“पुरुष हो, पुरुषार्थ करो, उठो, सफलता वर-तुल्य वरो, उठो अपुरुषार्थ भयंकर पाप है न उसमें यश है, न प्रताप है।”
Read moreव्यायाम अर्थात कसरत। एक कहावत के अनुसार स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन तथा आत्मा का निवास हुआ करता है।
Read moreभारत पर्व-त्योहारों का देश है। इसमें बारहों महीने पर्व-त्योहार का माहौल बना रहता है और लोग तो जैसे इनका इंतजार
Read moreभारत की सभ्यता और संस्कृति संसार की प्राचीनतम सभ्यताओं में गिनी जाती है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से
Read moreआज के युग को वैज्ञानिक युग कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आज सर्वत्र विज्ञान का ही राज्य दिखता
Read moreविज्ञान के इस युग में अनेक मशीनों का आविष्कार हुआ है, जिन्होंने संपूर्ण विश्व को दाँतों तले उंगली दबाने को
Read moreविज्ञान का आश्चर्यजनक आविष्कार है-दूरदर्शन। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है घर बैठे दूर की, देश-विदेश की जानकारी
Read moreमनुष्य के जीवन में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। सुख-दुख, आशा-निराशा, रोग-शोक, हँसी और आँसू आदि मानव-जीवन के
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