अनुच्छेद लेखन : समाचार-पत्र
जिज्ञासा और अभिव्यक्ति मनुष्य की जन्मजात प्रवृत्तियाँ हैं। इसलिए मनुष्य कोई भी नई बात जानने पर उसे दूसरों तक पहुँचाने
Read Moreजिज्ञासा और अभिव्यक्ति मनुष्य की जन्मजात प्रवृत्तियाँ हैं। इसलिए मनुष्य कोई भी नई बात जानने पर उसे दूसरों तक पहुँचाने
Read Moreकबीरदास के अनुसार- “साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप। जाके हृदय साँच है – ताके हिरदय प्रभु आप।” अर्थात
Read Moreकविवर वृंद ने नीति के अनेक दोहे लिखे हैं। यह उक्ति कवि वृंद द्वारा रचित एक दोहे की पंक्ति है।
Read More‘नर हो न निराश करो मन को, कुछ काम करो कुछ काम करो।’ जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। सुख-दुःख
Read Moreगोस्वामी तुलसीदास जी ने जो कुछ भी लिखा उसके पीछे गहरा चिंतन एवं अनुभूति थी। उनकी यह उक्ति- ‘पराधीन सपनेहुँ
Read Moreविद्यालय का वार्षिकोत्सव विद्यालय की उन्नति का परिचायक है। विद्यार्थी और अध्यापक दोनों के लिए यह हर्ष और उल्लास का
Read Moreपुस्तकालय मानव जीवन के विकास तथा प्रगति का महत्त्वपूर्ण साधन है। यह ज्ञान की किरणें प्रसारित करता है। विश्व-साहित्य की
Read Moreआधुनिक युग वैज्ञानिक युग है। विज्ञान ने मानव को असीम शक्तियाँ देकर उसके जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन कर दिया है।
Read Moreवर्तमान समय में प्रगतिशील भारत के सामने जो समस्याएँ सुरसा के मुँह की तरह मुँह खोले खड़ी हैं, उनमें बढ़ती
Read Moreलक्ष्यहीन मनुष्य जिंदगी में कभी भी सार्थक कार्य नहीं कर सकता। मनुष्य विवेकशील और विकासशील होता है। उसे हमेशा महत्त्वाकांक्षी
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