मानवता हो मंगलकारी सम्राटों की सत्ता काँपी, भूपों के सिंहासन डोले। गणतंत्र तुम्हारे आते ही, जन-मन जागे, कण-कण बोले। गणतंत्र तुम्हारे स्वागत में, प्राणों के […]
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काव्यांश – करो ये प्रण
करो ये प्रण अब न चलेगा काम इससे करो ये प्रण, साथियों से अब भूल के भी न लड़ेंगे हम। छोटा-बड़ा धनी या कि निर्धन […]
Read moreकाव्यांश – दीवानों की क्या हस्ती
दीवानों की क्या हस्ती हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले, मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले, […]
Read moreलेख : बेकारी की समस्या
बेकारी की समस्या समस्याओं के देश भारत में आज जो एक बहुत बड़ी समस्या सभी को पीड़ित आतंकितकिए हुए है, वह है बेकारी की समस्या। […]
Read moreलेख : भारत की सामाजिक समस्याएं
भारत की सामाजिक समस्याएं भारत प्राकृतिक, भौगोलिक दृष्टि से तो अनेकताओं और विविधताओं से भरा हुआ देशहै ही, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी […]
Read moreलेख : भारत की आधुनिक समस्याएं
भारत की आधुनिक समस्याएं समस्याएँ धार्मिक, साम्प्रदायिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, पारिवारिक, राजनीतिक, आर्थिककई प्रकार की होती या हो सकती हैं। यों तो हर युग-काल में किसी […]
Read moreलेख : भारत की विदेश – नीति
भारत की विदेश – नीति पराधीन देशों की अपनी स्वदेश या विदेश सम्बन्धी कभी कोई नीति नहीं हुआ करती। अधीन बना कर शासन चलाने वाला […]
Read moreलेख : भारत में आतंकवाद
भारत में आतंकवाद आतंकवाद की समस्या ने आज केवल भारत ही नहीं, छोटे-बड़े अनेक देशों को अपने जाल में फँसा कर बहुत बुरी तरह से […]
Read moreलेख : लोकतंत्र बनाम तानाशाही
लोकतंत्र बनाम तानाशाही लोकतंत्र को जनतंत्र और गणतंत्र भी कहा जाता है। इसी तरह तानाशाही को एकतंत्र भी कहा गया है। लोकतंत्र और तानाशाही दोनों […]
Read moreलेख : गांधी के नाम – वाद की प्रासंगिकता
गांधी के नाम – वाद की प्रासंगिकता गान्धी मानवीय दृष्टि से एक सम्पूर्ण विकसित, उदात और उदार मानवीयता का नाम है। गान्धी नाम है एक […]
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