ਅਨੰਦ ਭਇਆ ਮੇਰੀ ਮਾਏ : ਗੁਰੂ ਅਮਰਦਾਸ ਜੀ ਅਨੰਦ : ਪੂਰਨ ਖਿੜਾਓ । ਸਹਜ ਸੇਤੀ : ਅਡੋਲ ਅਵਸਥਾ ਦੇ ਨਾਲ । ਹਰੀ ਕੇਰਾ : ਪਰਮਾਤਮਾ […]
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पाठ का सार : तुम कब जाओगे, अतिथि
तुम कब जाओगे, अतिथि – शरद जोशी प्रस्तुत व्यंग्यात्मक लेख में ऐसे लोगों की आलोचना की गई है जो दूसरों के घर पर जबरदस्ती कब्जाकर […]
Read moreपाठ के शब्दार्थ : तुम कब जाओगे अतिथि
तुम कब जाओगे अतिथि : शरद जोशी आगमन-आना। चतुर्थ-चौथा। निस्संकोच – बिना शर्म के। विगत-बीता हुआ। सतत – लगातार। आतिथ्य – अतिथि सत्कार। संभावना-उम्मीद। एस्ट्रॉनाट्स […]
Read moreअपठित गद्यांश : एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा (जैसे ही मैं उठी)
निम्नलिखित गद्यांश और इस पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर उत्तर दीजिए – जैसे मैं उठी, मैंने अपने हाथ जोड़े और मैं अपने […]
Read moreअपठित गद्यांश : एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा (अंगदोरजी बिना ऑक्सीजन)
निम्नलिखित गद्यांश और इस पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर उत्तर दीजिए – अंगदोरजी बिना ऑक्सीजन के ही चढ़ाई करनेवाला था। लेकिन इसके […]
Read moreअपठित गद्यांश : एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा (हिमपात अपने आप में)
निम्नलिखित गद्यांश और इस पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर उत्तर दीजिए – हिमपात अपने आप में एक तरह से बर्फ़ के खंडों […]
Read moreअपठित गद्यांश : एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा (एवरेस्ट की तरफ से)
एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा : बचेंद्री पाल निम्नलिखित गद्यांश और इस पर आधारित प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर उत्तर दीजिए – एवरेस्ट की तरफ़ […]
Read moreआज का सुविचार
आप जितना अपने काम की जिम्मेदारी लेते हैं, उतने ही विश्वसनीय बनते हैं। ब्रायन कोसलो
Read moreਅੱਜ ਦਾ ਵਿਚਾਰ
ਸੇਧ ਹੀ ਸਿਆਸਤ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ। ਗੇਆਰਡ ਹਰਚਬਰਗ
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