हिंदी में कविता – बादल
बादल
नभ में उमड़ रहे हैं बादल,
काले बादल भूरे बादल।
सरिता, ताल, सरोवर, सागर,
सूख भाप बन जाती ऊपर।
ऐसे बनते बादल काले,
बिजली, पानी, ओले वाले।
जल उड़ता बन जाते बादल,
निर्मल जल बरसाते बादल।
बरसा कर लौटाते उनका,
सूख गया था जल जिन – जिनका