शांति की शुरूआत मुस्कुराहट से होती है।
मेहनत इतनी खामोशी से करनी चाहिए कि आपकी सफलता उसका शोर मचा दे।
भाग्य और दूसरों को दोष क्यों देना ? जब सपने हमारे हैं तो कोशिश भी हमारी होनी चाहिए। जब कोशिश हमारी होती है, तभी सफलता का मजा आता है।
जिंदगी में मेहनत से मिले फल का स्वाद किस्मत में मिले फल से ज्यादा मीठा होता है।
घायल तो परिंदा भी होता है। पर जो दोबारा उड़ना शुरू कर सके, वही असलियत में जिंदा कहलाता है।
खुशी सिर्फ मुस्कुराहट और हंसी की बात नहीं है। हम अपने आसपास उदास लोगों को चमकदार मुस्कान और जोरदार हंसी के साथ देख सकते हैं।
सबके पास दो आंखें होती हैं, लेकिन किसी का भी नजरिया एक जैसा नहीं होता।
अपने जीवन की योजना इस प्रकार बनानी चाहिए, जैसे कि हम हमेशा के लिए जीवित रहेंगे और अपने जीवन को जीना इस प्रकार चाहिए, जैसे कि आप अगले दिन मर जाएंगे।
एक अस्थायी आराम के लिए अपने अवसरों को नहीं जलाना चाहिए ।
लोग हार इसलिए जाते हैं क्योंकि वे प्रेरित होने की भावना से प्यार करते हैं। लेकिन इस प्रेरणा को वास्तविक काम में बदलने से असफल होते रहते हैं।
अपने उद्देश्य महान रखने चाहिए, चाहे इसके लिए कांटों भरी डगर पर ही क्यों न चलना पड़े।
यह प्रार्थना नहीं करनी चाहिए कि ख़तरे न आएं, बल्कि यह करनी चाहिए कि हम उनका सामना करने से कभी न डरें।
परिवर्तन से डरना नहीं चाहिए। आप कुछ अच्छा खो सकते हैं, लेकिन आप कुछ बेहतर पा भी सकते हैं।
अगर हम सारी जिंदगी अफसोस करते रहेंगे कि हम यहाँ नहीं जा पाए या वहां नहीं जा पाए, तो उन खूबसूरत चीज़ों का आनन्द नहीं उठा पाएंगे, जो हमारे आसपास हैं। यानि कि जीवन में जो मिला है, उसके साथ खुश रहना और उसका आनन्द लेना चाहिए। न कि जो नहीं मिला है, उसके लिए आंसू बहाते रहेंगे।
ज्यादा संवेदनशील नहीं बनना चाहिए। संवेदनशील लोगों को जीवन में बहुत से दुःख झेलने पड़ते हैं।
शांति की शुरूआत मुस्कुराहट से होती है।
जो कुछ इस विश्व को अधिक मानवीय एवं विवेकशील बनाता है, उसे ही प्रगति कहते हैं।
अच्छे लोग बिना कानून के भी अच्छी तरह जिम्मेदारी निभाते हैं।
खुद में सकारात्मक बदलाव लाना हमारी ही जिम्मेदारी है। डर और चिंताएं हमेशा रहेंगी। हमें इन दोनों ही भावनाओं को सकारात्मकता में बदलना आना चाहिए।
हमें माफी मांगना भी आना चाहिए और माफ करना भी। क्योंकि जीवन में प्रेम से ज्यादा अहम कुछ भी नहीं है।
हमें हमेशा अच्छे जीवन और अच्छे भविष्य की कल्पना करनी चाहिए। अच्छी कल्पना करने में कोई बुराई नहीं है। मस्तिष्क को बेहतर भविष्य के बारे में सोचना आना चाहिए।