वादा सिर्फ एक शब्द भर है।
- जितनी बड़ी गलती होती है, उतनी ज्यादा डाँट पड़ती है। आत्मा कमजोर होती है, उससे गलती हो जाती है। गलती करने के बाद दुःख भी होता है और डर भी लगता है। उसे डाँटने से उसकी कमजोरी बढ़ती है। इसलिए होना यह चाहिए – जितनी बड़ी गलती, उतना ज्यादा प्यार।
LOVE ME WHEN I LEAST DESERVE IT. THAT IS WHEN I NEED THE MOST.
- शिक्षा हमेशा सबसे बड़ी मान्यता है। यदि आप आत्मनिर्भर रहना चाहते हैं तो कभी भी सीखना बंद न करें। मस्तिष्क कभी भी बढ़ते समय दूसरों से अनुमोदन नहीं मांगता है। यह केवल सेवन या उपभोग की अवस्था में ऐसा करता है। जिसने अपने मस्तिष्क को लगातार समझदारी के साथ समझाया, उसी ने इसका सही उपयोग करना सीख लिया है, उपभोग नहीं।
- आदतें हमारे एक्शन्स को निर्धारित करती हैं और हमारे एक्शन्स से हमारे नतीजे तय होते हैं।
- हमारी आदतें हमारे अवचेतन मन द्वारा ड्राइव होती हैं। ऐसा माना जाता है कि 45 से 90% व्यवहार पर आदतों का प्रभाव होता है। इसलिए सही आदतों को अपनाना जरूरी हो जाता है, क्योंकि आदतों से पता चलता है कि हमने अपने दिमाग की कंडीशनिंग किस प्रकार की है।
- आप पहले आदतें बनाते हैं, फिर आदतें आपको बनाती हैं।
- ऑक्टोपस इस ग्रह पर सबसे बुद्धिमान प्रजाति है, इंसान से भी ज्यादा बुद्धिमान। क्योंकि उनमें पर्यावरण के अनुसार खुद को जल्दी से बदलने क्षमता होती है, जहां मनुष्य केवल एक बच्चे की तरह शिकायत करते रहते हैं।
- जब करीबियों में कोई भी आपके मानदण्डों पर खरा न हो, तो अपने मानदण्डों को परख लेना चाहिए।
- जो लोग प्यार पाने के लिए खुद को कुर्बान कर देते हैं, उन्हें यह जान लेना चाहिए कि प्यार कभी भी बिना शर्त के नहीं होता।
- यह भी सच है कि वादा सिर्फ एक शब्द भर है।
- बिना शर्त के प्यार तभी संभव है, जब आप ठान लें कि चाहे कुछ भी हो जाए, आप उसका साथ नहीं छोड़ेंगे।
- लोग कभी – कभी हमारे सबसे बुरे वक्त में हमें छोड़ देते हैं, ऐसे वक्त में भी हमें दर्द को सहते हुए टिके रहना चाहिए और अपने लिए चीज़ों के ठीक होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
- सम्मान रहित सफलता बिना नमक के खाने जैसी है, भूख मिटेगी, पर स्वाद नहीं मिलेगा।
- कॉमन सेंस डिओडरेंट की तरह होता है। जिन लोगों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है, वे इसका इस्तेमाल कभी नहीं करते हैं।
- गलती न करना मनुष्य के बस में नहीं है, समझदार गलतियों से सीखकर भविष्य सुधारते हैं।