निष्क्रियता से सन्देह और डर की उत्पत्ति होती है, क्रियाशीलता से विश्वास और साहस का सृजन होता है।

  • जीवन सबसे कठिन परीक्षा है। बहुत से लोग असफल हो जाते हैं क्योंकि वे दूसरों की नकल करने की कोशिश करते हैं, पर यह अहसास नहीं करते कि जीवन में हर किसी का प्रश्न पत्र अलग है।
  • निष्क्रियता से सन्देह और डर की उत्पत्ति होती है, क्रियाशीलता से विश्वास और साहस का सृजन होता है। यदि आप डर पर विजय प्राप्त करना चाहते हैं तो चुपचाप घर पर बैठकर इसके बारे में विचार न करें। बाहर निकलें और व्यस्त रहें।
  • सच्चा स्नेह करने वाला, केवल आपको बुरा बोल सकता है, कभी आपका बुरा नहीं कर सकता, क्योंकि उसकी नाराजगी में आपकी फ़िक्र और दिल में आपके प्रति सच्चा स्नेह होता है।
  • माली प्रतिदिन पौधों को पानी देता है, मगर फल सिर्फ मौसम में ही आते हैं। इसलिए जीवन में धैर्य रखें। प्रत्येक चीज़ अपने समय पर होगी। प्रतिदिन बेहतर काम करें, आपको उसका फल समय पर जरूर मिलेगा
  • कोई छोटे मामलों में सच के प्रति लापरवाह हो, तो उसे बड़े मामलों की जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती।
  • किसी से कहा गया एक-एक शब्द उनके चेतन-अचेतन मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ता है। जब किसी का लगातार सार्वजनिक अपमान किया जाता है तो वह भारी नैराश्य और नकारात्मकता में डूब जाता है। इस व्यवहार के उस पर दूरगामी असर पड़ते हैं और उसका आत्मविश्वास हमेशा-हमेशा के लिए डगमगा जाता है। इसीलिए कहते हैं – इनाम हमेशा सजा से ज्यादा प्रोत्साहन देने वाला होता है।
  • तारीफ हमेशा भीड़ में की जानी चाहिए और डांट-डपट बंद कमरे में।

सोच को अपनी ले जाओ उस शिखर पर,ताकि उसके आगे सितारे भी झुक जाएं।न बनाओ अपने सफर को किसी किश्ती का मोहताज,चलो इस शान से कि तूफ़ान रूक जाएं।

  • जो लोग थोड़ी अस्थायी सुरक्षा प्राप्त करने के लिए आवश्यक स्वतंत्रता छोड़ सकते हैं, वे तो स्वतंत्रता के और न ही सुरक्षा के लायक हैं।
  • भूल जाओ कि कल किसने तुम्हें चोट पहुंचाई, लेकिन उन लोगों को मत भूलो जो तुमसे रोज प्यार करते हैं। उस अतीत को भूल जाओ जो आपको रुलाता है और उस वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करें जो आपको मुस्कुराने के मौके देता है। दर्द को भूल जाओ लेकिन कभी भी उस सबक को मत भूलो, जो उस दर्द से मिला हो।