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14 दिसम्बर का इतिहास (ले.जनरल इरशाद ने खुद को बांग्लादेश का राष्ट्रपति घोषित किया)

14 दिसंबर, 1983

आज ही के दिन लेफ्टिनेंट जनरल हुसैन मोहम्मद इरशाद ने खुद को बांग्लादेश का राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। इरशाद ने संविधान और राजनीतिक दलों की वैधता स्माप्त कर दी थी। उन्होंने स्कूलों में अरबी और कुरान की पढ़ाई का फरमान जारी किया था।

इसके खिलाफ आंदोलन हुए। इस पर इरशाद ने सीमित राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति दी। साल 1985 में इरशाद ने जातीय पार्टी का गठन किया। बांग्लादेश में 1986 का राष्ट्रपति चुनाव विवादों में रहा। इसमें भी इरशाद राष्ट्रपति चुने गए।

तब उन्होंने सेना से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने बांग्लादेश को इस्लामी देश बनाने की घोषणा की। इरशाद ने 1990 तक देश पर शासन किया। जनता के विद्रोह की वजह से वह सत्ता से दूर हो गए। साल 1991 में भ्रष्टाचार के आरोप में इरशाद को जेल भेजा गया।

2013 में इरशाद ने कहा था कि सुरक्षा बलों ने उनका आवास घेर लिया है। यदि सरकार ने उनके खिलाफ कोई चाल चली तो वह आत्महत्या कर लेंगे।