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21 दिसम्बर का इतिहास(नेपाल कभी किसी का गुलाम नहीं रहा)

21 दिसम्बर, 1923

इसी दिन नेपाल पर से ब्रिटेन का संरक्षण हटा था। वैसे नेपाल कभी किसी का गुलाम नहीं रहा। नेपाल की ब्रिटिश साम्राज्य से 1814-16 में लड़ाई हुई थी। इसमें नेपाल हारा था। ब्रिटेन और नेपाल के बीच सन्धि हुई। संधि के कारण नेपाल का कुछ हिस्सा ब्रिटिश भारत में चला गया।

दरअसल ब्रिटिश साम्राज्य नेपाल की सीमा के पास बसी छोटी-छोटी रियासतों को हड़पना चाहता था। यहीं से ब्रिटिश साम्राज्य और नेपाल के बीच दुश्मनी शुरू हुई।

साल 1814-16 के युद्ध में नेपाल ने नालापानी और अल्मोड़ा में ब्रिटिश सैनिकों को कड़ी टक्कर दी। नेपाल के सैन्य कमांडर ने नेपाल नरेश से कहा था कि वह चिंता नहीं करें।

इसके बावजूद नेपाल नरेश ने अंग्रेजों को सन्धि का प्रस्ताव भेजा। संधि के कारण ब्रिटेन ने नेपाल को अपना संरक्षित देश घोषित किया, लेकिन साथ ही उसे स्वतंत्र देश माना। काठमांडू में अंग्रेजी रेजीडेंसी की स्थापना हुई।

नेपाल ने भारत के 1857 के सैनिक विद्रोह को दबाने में अंग्रेजों की सहायता की थी। नेपाल के 12 हजार सैनिक अंग्रेजों की तरफ से लड़े थे।