संवाद लेखन : बस में यात्रियों के बीच संवाद
बस में किसी अपरिचित से मित्रता करते हुए यात्रियों के बीच संवाद
पहला यात्री : भाई साहब! यह बस कहाँ जा रही है?
दूसरा यात्री : यह बस तो करनाल जा रही है।
पहला यात्री : आपको कहाँ जाना है?
दूसरा यात्री : मुझे भी करनाल ही जाना है।
पहला यात्री : तो जल्दी से आ जाइए, बस चलने वाली है।
दूसरा यात्री : पहले टिकट तो ले लूँ।
पहला यात्री : बस कंडक्टर ने बस में ही टिकट देने को कहा है। आप आ जाइए।
दूसरा यात्री : ठीक है, आप मेरे लिए एक सीट रखिए, जब तक मैं आ रहा हूँ।
पहला यात्री : आप करनाल किस जगह ठहरेंगे?
दूसरा यात्री : मेरे मित्र का गृहप्रवेश है। अतः मेरा जाना आवश्यक था। वहीं जा रहा हूँ।
पहला यात्री : क्या इत्तफाक की बात है। मैं भी अपने मित्र के गृहप्रवेश के आयोजन में जा रहा हूँ।
दूसरा यात्री : मुझे देरी हो रही है। अतः मैं उससे सीधा बैंक्वेट हॉल में ही मिलूँगा।
पहला यात्री : कौन-से बैंक्वेट हॉल में जाना है?
दूसरा यात्री : आशियाना बैंक्वेट हॉल में।
पहला यात्री : अरे! मैं भी तो वहीं जा रहा हूँ।
दूसरा यात्री : अच्छा! तो आप भी मि. शर्मा के घर जा रहे हैं।
पहला यात्री : हाँ भाई, मैं भी वहीं जा रहा हूँ। वह मेरे परम मित्र हैं।
दूसरा यात्री : तो साथ ही चलते हैं, अब तो हमारी भी मित्रता हो गई।