संवाद लेखन : दो अध्यापिकाओं के बीच वार्तालाप
दो अध्यापिकाओं के बीच आपसी वार्तालाप
अनिता : ऊषा! क्या बात है बहुत दिनों बाद लाइब्रेरी में आना हुआ।
ऊषा : क्या करूँ। प्रथम इकाई परीक्षा प्रश्न पत्र बनाने में व्यस्त होने के कारण यहाँ आने का समय ही नहीं मिला।
अनिता : तुम्हारे पास हिंदी की कक्षा नौवीं व दसवीं की दो किताबें थीं। यदि तुमने काम कर लिया हो तो उन्हें वापिस कर देना।
ऊषा : हाँ, मैंने नौवीं की पुस्तकें में से जो नोट करना था कर लिया, बस एक-दो दिन में लौटा दूँगी।
अनिता : अच्छा ठीक है। रख लो, पर कोशिश करना, जल्दी लौटा देना।
ऊषा : नौवीं वाली पुस्तक मैं सोमवार को जरूर दे दूँगी।
अनिता : ऊषा! लाइब्रेरी में हिंदी व्याकरण की नई पुस्तकें आई हैं। जब भी तुम्हारे पास समय हो तो देख लेना।
ऊषा : अनिता, बहुत अच्छा किया, मुझे व्याकरण की एक किताब चाहिए थी। क्या मैं यह वाली किताब दो-तीन दिन के लिए ले जा सकती हूँ।
अनिता : मैं पहले इन पुस्तकों की जानकारी रजिस्टर में दर्ज कर लूँ। फिर तुम ले लेना।
ऊषा : ठीक है! मेरा सातवाँ कालांश किसी भी कक्षा में नहीं है। क्या मैं उस समय आ जाऊँ?
अनिता : हाँ, तुम उस समय आकर वह किताब ले जाना। (तभी घंटी बजती है।)