अनौपचारिक पत्र : मित्र को सांत्वना पत्र
दुर्घटनाग्रस्त मित्र को सांत्वना-पत्र।
परीक्षा भवन
नासिक
22 अगस्त 20××
प्रिय मित्र
मधुर स्मृति !
तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। पत्र में तुम्हारे साथ हुई दुर्घटना के विषय में पढ़कर बहुत दुख हुआ। ठीक दस दिन बाद फुटबॉल के ‘जोनल मैच’ शुरू होनेवाले हैं। ऐसे समय में तुम्हारे टखने की हड्डी का टूटना निस्संदेह खेद का विषय है।
प्रिय मित्र! जीवन तो सुख-दुख का चक्र है। जीवन में कष्टों के अचानक आ जाने से मनुष्य को घबराना नहीं चाहिए। कष्टों के क्षण, वास्तव में मनुष्य की परीक्षा के क्षण होते हैं। हमें चाहिए कि हम कठिनाई में धैर्य और साहस का प्रदर्शन करें।
मित्र! तुम्हारे जीवन में ऐसे अनेक अवसर आएँगे जब तुम्हें फुटबॉल में अपनी निपुणता दिखाने का अवसर प्राप्त होगा। दिल छोटा मत करो। आशा है, तुम मेरी बात पर ध्यान दोगे। आंटी-अंकल से मेरा प्रणाम और अनुज को प्यार कहना। अपने स्वास्थ्य के विषय में पत्र द्वारा सूचित करते रहना।
पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में
तुम्हारा मित्र
क०ख०ग०