• स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर कोई है।
• छोटे लक्ष्य के लिए उठाया गया एक छोटा कदम, बाद में विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है।
• जब हौसले बुलंद हों तो पहाड़ भी पत्थरों का एक ढेर ही लगता है।
• जो धर्म, सत्य और परमेश्वर के सामने झुकता है, उसका आदर समस्त संसार करता है।
• आत्मबल सामर्थ्य देता है और सामर्थ्य विद्या प्रदान करता है। विद्या, स्थिरता प्रदान करती है और स्थिरता, विजय की तरफ ले जाती है।
• अंगूर को जब तक न पेरो वो मीठा रस नहीं बनता, वैसे ही मनुष्य जब तक कष्ट में पिसता नहीं, तब तक उसके अंदर की सर्वोत्तम प्रतिभा बाहर नहीं आती।
• प्रतिशोध मनुष्य को जलाता है, संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का उपाय है।
छत्रपति शिवाजी महाराज