जो लोग अकेले में ज्यादा समय बिताते हैं वे फिजिकल, मेंटल, इमोशनल स्ट्रेस से काफी हद तक मुक्त रहते हैं।
लगातार लोगों से घिरे रहते हैं तो एकाग्रता और निर्णय क्षमता पर विपरीत असर पड़ता है।
जल्दी गुस्सा आने लगता है।
राजा-महाराजा भी कुछ पल अकेले बिताने और ध्यान लगाने के लिए जाया करते थे।
एकांत को मनुष्य का दोस्त बताया गया है, जो स्वतंत्र रहना भी सिखाता है।