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JT-60SA


• JT-60SA (Japan Torus-60 Super Advanced) एक परमाणु संलयन रिएक्टर है। यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत प्रायोगिक परमाणु संलयन रिएक्टर है। इसे जापान और यूरोप ने मिलकर नाका, जापान में बनाया है।

• यह सुपरकंडक्टिंग कॉइल्स से चुंबकीय क्षेत्र का इस्तेमाल करता है। अगर JT-60SA के न्यूक्लियर फ्यूजन से साफ-सुथरी बिजली पैदा होती है तो आने वाले समय के लिए ये एक बेहतरीन प्रदूषणमुक्त विकल्प हो सकता है।

• परमाणु संलयन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक परमाणु नाभिक मिलकर एक भारी नाभिक बनाते हैं।

• परमाणु संलयन की खोज 1930 के दशक में हुई थी। वैज्ञानिकों ने पाया कि परमाणु संलयन संभव है और यह सूर्य के लिए ऊर्जा का स्रोत है। 1940 के दशक की शुरुआत में शोधकर्ताओं ने पृथ्वी पर उपयोगी ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए संलयन प्रतिक्रियाओं को शुरू करने और नियंत्रित करने के तरीकों की तलाश शुरू की।

• परमाणु संलयन में इस्तेमाल होने वाले कुछ इंधन हैं – यूरेनियम-235, प्लूटोनियम-239, ड्यूटेरियम, ट्रिटियम। परमाणु संलयन के लिए, परमाणुओं को 27 मिलियन डिग्री फॉरेनहाइट तक गर्म करने की जरूरत होती है। परमाणु संलयन रिएक्टर में, प्लाज्मा के रूप में जानी जाने वाली गर्म, आवेशित गैस इस दुनिया के तापमान से 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस या सूर्य के केंद्र से 10 गुना अधिक गर्म होती है।