• दौलतमंद आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह दरअसल उसका नहीं होता, वह तो उसकी दौलत का सम्मान होता है।
• जीवन का वास्तविक सुख, दूसरों को सुख देने में ही है; दूसरों का सुख लूटने में कतई नहीं।
• कार्यकुशलता की व्यक्ति को हर जगह जरूरत पड़ती है।
• केवल खाने और सोने का नाम जीवन नहीं है। जीवन नाम है संघर्ष का और आगे बढ़ते रहने की लगन का।
• सफलता, दोषों को मिटाने की विलक्षण शक्ति है।
• अपनी भूल यदि अपने ही हाथों सुधर जाए, तो यह उससे कहीं अच्छा है कि कोई दूसरा आकर उसे सुधारे।
• अतीत चाहे जैसा भी हो, उसकी स्मृतियां प्रायः सुखद ही होती हैं।
• धन खोकर यदि इंसान अपनी आत्मा को पा लेता है, तो यह कोई महंगा सौदा नहीं है।
• निराशा संभव को असंभव बना देती है।
• अन्याय होने पर चुप रहना अन्याय करने केही समान है।
• क्रोध मौन सहन नहीं कर सकता। मौन के आगे क्रोध की शक्ति असफल हो जाती है।
• गलती को कभी दोहराना नहीं चाहिए।
मुंशी प्रेमचंद