CBSE 12 Sample paperClass 12(xii) Hindi

लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप – सार


लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप – गोस्वामी तुलसीदास जी


सारांश


कविता रामचरित मानस के लंकाकाण्ड का अंश है। राम-रावण युद्ध में लक्ष्मण को शक्ति लगने पर हनुमान संजीवनी बूटी लाने गए। जब अर्द्धरात्रि बीतने पर भी हनुमान जी न लौटे तो श्रीराम विलाप करने लगे कि लक्ष्मण जैसे सदैव सहायक भाई को खोकर वे अयोध्या में क्या मुँह दिखायेंगे। यदि उन्हें पता होता कि पत्नी के लिए भाई खोना पड़ेगा तो वे ऐसा न करते। बाद में हनुमान के आने पर संजीवनी बूटी से लक्ष्मण के ठीक होने पर चारों ओर प्रसन्नता छा गई व रावण सिर धुनने लगा। तब रावण ने अपने भाई कुम्भकरण से युद्ध में सहायता माँगी। कुम्भकरण द्वारा सीता लौटाने की बात कहने पर भी रावण नहीं माना।